सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, महाराष्ट्र में SC/ST शिक्षकों के लिए 50% आरक्षण को मंजूरी, अब जारी होगी : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने अहम फैसले में महाराष्ट्र सरकार की उस नीति को मंजूरी दे दी है, जिसमें स्कूल शिक्षकों के पदों पर SC और ST वर्ग के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप है और नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
2023 से लंबित नियुक्ति प्रक्रिया को मिलेगी रफ्तार
गौरतलब है कि वर्ष 2023 में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी, लेकिन चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया था। इस देरी के कारण अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया था। इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थीं। कोर्ट ने अब आदेश दिया है कि नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए और चयनित उम्मीदवारों को उनका हक मिले।
Bharat Job vacancy के बारे में जानने के लिये bharatjobvacancy.com पर जाये
संविधान की व्याख्या और आरक्षण सीमा
अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान एक स्थिर दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि बदलते समाज और समय की आवश्यकताओं के अनुसार उसकी व्याख्या की जानी चाहिए। साथ ही कोर्ट ने दोहराया कि आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती और इसी सीमा के भीतर ही नीतियों को लागू किया जाना चाहिए।
हजारों अभ्यर्थियों को मिलेगा लाभ
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से महाराष्ट्र में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। इससे SC/ST वर्ग के हजारों अभ्यर्थियों को सीधा लाभ मिलेगा, जो लंबे समय से नियुक्ति पत्र की प्रतीक्षा कर रहे थे। हालांकि, सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए यह फैसला उपलब्ध सीटों की संख्या पर असर डाल सकता है।
अन्य राज्यों पर भी पड़ सकता है असर
विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न केवल महाराष्ट्र बल्कि अन्य राज्यों में भी आरक्षण नीति को लेकर नई दिशा तय कर सकता है। आने वाले समय में यह निर्णय सामाजिक न्याय और सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर नई बहस को जन्म दे सकता है।

